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गर्दिश फिर गर्दिश!
- हरिशंकर परसाई होशंगाबाद शिक्षा अधिकारी से नौकरी माँगने गये। निराश हुए। स्टेशन पर इटारसी के लिए गाड़ी पकड़ने के लिए बैठा था पास में एक रुपया था जो कहीं...

- हरिशंकर परसाई होशंगाबाद शिक्षा अधिकारी से नौकरी माँगने गये। निराश हुए। स्टेशन पर इटारसी के लिए गाड़ी पकड़ने के लिए बैठा था पास में एक रुपया था जो कहीं...